कभी जो…

कभी जो नज़रें मिलीं
पलकें झुका न लेना
कभी जो मेरी यादों
ने दस्तक दी
उन्हें ठुकरा न देना
उम्मीद लिए
देहलीज़ पर खड़ा हूँ
इस इंतज़ार में
कब मेरी गली से गुज़रोगे
कभी जो मेरी आवाज़ सुनो
अजनबी कहकर
मुँह फेर न लेना

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आशा सेठ