पुरानी यादों को निचोड़कर
कभी ख़ुशी तो कभी ग़म
पी लिया करते हैं
जब याद तुम आते हो
दुनिया से छिपकर
रो लिया करते हैं
अपनी खामियों पर
खुद को जी भरके
कोस लिया करते हैं
जब याद तुम आते हो
दुनिया से छिपकर
रो लिया करते हैं
तुम्हारे वादों में
ज़िन्दगी का मकसद
ढूंढ लिया करते हैं
जब याद तुम आते हो
दुनिया से छिपकर
रो लिया करते हैं
दिल ही दिल में
तुम्हें देखकर
जी भर लेते हैं
जब याद तुम आते हो
दुनिया से छिपकर
रो लिया करते हैं
~~~~~
आशा सेठ
beautiful
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Shukriya!
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बेहद खूबसूरत रचना 👌
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शुक्रिया!
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It’s really touching… I can feel one one words of it.. superb… Tears rolling down while reading it… touched my heart❤❤
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Thank you for sharing your thoughts. Glad you liked. 🙂
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Amazing lines
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Shukriya!
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So beautiful
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Thank you!
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