रंगी हूँ तुझ में…

जैसे है
पीला सूरज का
नीला आकाश का
हरा बरसात का
सफ़ेद सर्दी का
जैसे है
भूरा धरती का
नारंगी शूर का
लाल प्रेम का
काला झूठ का
वैसे ही
रंगी हूँ तुझ में
सदा के लिए
तेरे बिना
मेरी पहचान क्या?
तुझसे जुदा
मेरा अस्तित्व क्या?
~~~~~

आशा सेठ