कैसी यह कश्मकश …

जो साथ हों लें
तो अपने बगावत कर जायेंगे
जो साथ न दें
तो तुम्हारे गुनेहगार कह लाएंगे
जो दिल की सुनें
तो दिमाग़ के दुश्मन बन जायेंगे
और जो दिमाग़ की सुनें
तो अपने आप के न हो पाएंगे
कैसी यह कश्मकश है
जाएं चाहे जिस भी रास्ते
किस्मत से तकरार तय है