ज़िन्दगी से रिश्ता…

ज़िन्दगी से रिश्ता
कुछ ऐसा था हमारा
न साथ बनती थी
न रुखसत था गवारा
न इकरार था उससे
न ऐतबार था हमारा

ज़िन्दगी से रिश्ता
कुछ ऐसा था हमारा
जैसे कैद इक घर में
दिल और दिमाग बेसहारा

ज़िन्दगी से रिश्ता
कुछ ऐसा था हमारा
न हम उसके हो सके
और न वह हमारा